देश से नरेंद्र मोदी और झारखंड से रघुवर दास को उखाड़ फेंकना है. इसके लिए जरूरी है कि देश और प्रदेश में वोटों के बिखराव को रोका जाये. बीजेपी के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी की सरकार में देश के संवैधानिक संस्थान संकट में हैं. सभी संस्थानों को सरकार ने अपनी मुट्ठी में कर लिया है. यहां तक कि चुनाव आयोग को भी. इसलिए हम चाहते हैं कि देश भर में महागठबंधन बने, ताकि मोदी और बीजेपी को फिर से सत्ता में आने से रोका जा सके.
ये बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को प्रदेश की उपराजधानी दुमका में कहीं. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का स्वरूप अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन वह अंतिम क्षण तक कोशिश करेंगे कि महागठबंधन बने. सभी पार्टियां एकजुट होकर इस भ्रष्ट और तानाशाह सरकार को रोकें. श्री मरांडी ने कहा कि वर्ष 2018 में दुनिया ने देखा कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि लोकतंत्र खतरे में है.
श्री मरांडी ने कहा कि यह पहला मौका था, जब देश के वरिष्ठतम जजों ने कहा कि न्यायपालिका के कार्यों में सरकार का हस्तक्षेप हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति में वरीयता को ताक पर रख दिया गया. यह सबके सामने है. सीबीआइ, सीवीसी की हालत लोग देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो मोदी कहते थे कि भ्रष्टाचारियों को छोड़ेंगे नहीं, उसी मोदी पर आज कई गंभीर आरोप लग रहे हैं. यदि वह सचमुच ईमानदार हैं, तो आरोपों की जांच किसी एजेंसी से कराने से क्यों डर रहे हैं. राफेल डील की संसदीय समिति से जांच कराने से डरते क्यों हैं. उन्होंने कहा कि मोदी जांच से भाग रहे हैं.
झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के सुप्रीमो श्री मरांडी ने कहा कि वर्ष 2013-14 में मोदी की सरकार बनने से पहले भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए देश में एक बड़ा आंदोलन हुआ था. अन्ना के नेतृत्व में. लोकपाल के गठन की मांग को लेकर यह आंदोलन हुआ था. आंदोलन के बाद संसद ने सर्वसम्मति से लोकपाल विधेयक को पारित किया. आंदोलन के बाद मोदी की सरकार बनी. पांच साल बीतने को हैं, लेकिन अब तक लोकपाल का नियुक्ति नहीं हुई.
श्री मरांडी ने कहा कि यदि मोदी ईमानदार हैं, तो लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं कर रहे. कई बार सेलेक्ट कमेटी की बैठक हुई, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. बाबूलाल ने कहा कि ऐसी सरकारें देश और प्रदेश में रही, तो देश के सामाजिक भाईचारा का ताना-बना खत्म हो जायेगा. उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाएं कमजोर होंगी, तो व्यक्ति तानाशाह हो जायेगा. देश तानाशाही की ओर बढ़ जायेगा.
श्री मरांडी ने कहा कि देश या प्रदेश तानाशाही की ओर न बढ़े, इसलिए मैं कहता हूं कि गठबंधन में हमें व्यक्ति को न देखें. यह देखें कि किसका संगठन कहां मजबूत है, कौन प्रत्याशी जीत सकता है. मैं अपनी ओर से इसकी कोशिश कर रहा हूं. बाबूलाल ने कहा कि वह उन्हीं सीटों पर दावा कर रहे हैं, जहां उनका संगठन लगातार काम कर रहा है. जनमुद्दों पर संघर्ष कर रहा है.
श्री मरांडी ने कहा कि उन्होंने कभी भी 5 या 6 सीट पर दावा नहीं किया. उन्होंने कहा कि ध्यान इस बात पर केंद्रित करना चाहिए कि जहां जो मजबूत है, जहां जिसे जिता सकते हैं, उसे ही टिकट मिले. ऐसा न हो कि गठबंधन भी कर लें और चुनाव भी हार जायें. यह पूछे जाने पर कि यदि उनकी बात नहीं मानी गयी, तो वह क्या करेंगे, श्री मरांडी ने कहा कि वह अंतिम समय तक कोशिश करेंगे गठबंधन हो. अपनी ताकत और क्षमता के अनुरूप बीजेपी को रोकने के लिए सब कुछ लगा देंगे. उन्होंने कहा कि कोशिश है कि महागठबंधन बने, मजबूती से बने और जीत को ध्यान में रखकर बने, ताकि देश और प्रदेश से मोदी को बचा सकें. लोकतंत्र को बचा सकें.